राजस्थान की कला और संस्कृति
अनेको इतीहास कारो तथा लेखको ने राजस्थान के इतीहास को मात्र किताबो में ही लिखकर छोड़ दिया है, जबकि आज की अद्दयन की मांग के अनुसार राजस्थान के इतीहास को भी सुचना और प्रोधोगिकी सक हिस्सा होना चाहिये |
बहुत ही कम लोगो ने इस हेतु कार्य किया है | राजस्थान के इतिहास को अनेक प्रतियोगी परीक्षाओ में उपयोग में लिया जाता है | अबतक प्रतियोगी परीक्षाओ की द्रस्ठी से कोई विशेष कार्य इन्टरनेट पर राजस्थान के इतीहास को लेकर नहीं हुआ है |
राजस्थान के इतीहास को इस ब्लॉग द्वारा आप लोगो तक पहुँचाने का छोटा सा कार्य करने का प्रयत्न कर रहा हूँ |
आप का अपना
वीनोद भाना बापावर कलां
संपर्क - ९७८३४५९३५४
1 Comment
thank you lage raho vinod bhai
ham apke new page ka wait karte rahenge
Posted on 14 अगस्त 2010 को 10:23 pm बजे